शिक्षा शेरनी का दूध है….जो पियेगा वो दहाड़ेगा | B.R. Ambedkar Jayanti | 14 April | Arvind Sir

अगर मैं किसी को गलत बोल रहा हूं तो इसका मतलब ये नहीं कि मैं उसके विरोध में हो गया हूं मैं ये उनको आईना दिखा रहा हूं कि आप गलत कर रहे हो भाई किसी व्यक्ति के द्वारा किसी पार्टी के द्वारा किसी सरकार के द्वारा अगर गलती की जा रही है तो उसको जनता ही तो बताएगी भाई जनता की सरकार है जनता के द्वारा चुनी गई जनता के लिए चुनी गई  है बाबा साहब ने एक बार कहा था शिक्षा ऐसी शेरनी का दूध है जो जितना पिएगा उतना ड़ेगा अगर आप शिक्षित हो तो आप तर्क कर सकते हो डर हो जाओ सवाल कर सकते हो अधिकारों की मांग कर सकते हो किसी की गुलामी नहीं करनी पड़ेगी दुर्भाग्य देखिए इस देश का कि शिक्षा रूपी शेरनी का दूध केवल कुछ लोमड़ हों तक ही सीमित रखा गया है लोमड़ी कहने का मतलब है

शिक्षा शेरनी का दूध है....जो पियेगा वो दहाड़ेगा | B.R. Ambedkar Jayanti | 14 April | Arvind Sir

भारत के राजनेता और इन लोमड़ की संतानों को शिक्षा रूपी दूध पिलाया जा रहा है भारत की आम जनता को शिक्षा रूपी दूध के बदले में पाउडर वाला दूध पिला देते हैं मतलब जो हमको शिक्षा दी जा रही है वो नाम मात्र की शिक्षा है वास्तव में वो कोई शिक्षा नहीं है असली शा तो इन लोमड़ के बच्चों को दी जा रही है भारत का कोई भी राजनेता आप देखो बड़ा मंत्री अगर होगा और अगर उसकी कोई संतान है तो निश्चित तौर पर वह विदेश जाएगा पढ़ने के लिए क्यों भारत में कोई
(01:12) अच्छे कॉलेज नहीं है क्या कोई अच्छे स्कूल नहीं है क्या और इससे भी बड़ा दुर्भाग्य यह है कि जब वो विदेश से पढ़कर आता है इतनी पढ़ाई करने के बाद वो जब मंच से बोलेगा तो वो गु गोवर ही बोलेगा क्योंकि रोम का बच्चा है सेरनी का दूध तो पचेगांव उल्टी करेगा और उस उल्टी से बदबू आएगी जाति की राजनीति की उस उल्टी से बदबू आएगी धर्म की राजनीति की क्योंकि उसको मालूम है कि इस बदबू को सूने के लिए हमने एक भीड़ तैयार कर दी है इनको वो दूध पिलाया गया है नकली वालाला जिसमें वही बदबू आ रही है तो जब वो नेता बोलता है राजनीति के बारे में धर्म के बारे में
(01:47) जाति के बारे में तो वो खुशबू हमें बड़ी अच्छी लगती है क्योंकि वो हमको धीरे-धीरे पिलाया गया है हमें जाति की राजनीति बहुत अच्छी लगती है हमारा जाति आगे जा रहा है हमारा जाति पीछे हो रहा है हमारा धर्म आगे है हमारा धर्म पीछे है हमें यह नहीं समझ में आ रहा है कि हम कहां पर खड़े हुए हैं हम तो उसी भीड़ का हिस्सा हैं जिस भीड़ में हम तब थे हम आज भी हैं और आगे भी रहेंगे हमें सोचने की जरूरत है कि शेरनी का जो दूध है जिसे हम शिक्षा कह रहे हैं वो हमें असली दूध क्यों नहीं पिलाया जा रहा है और क्यों भारत के नेताओं को विदेश जाकर पढ़ने की जरूरत पड़ रही है क्या भारत
(02:17) में इतने कोई अच्छे कॉलेज स्कूल नहीं है हमारे लिए मैकाले सिस्टम लागू कर दिया गया मैकाले वो व्यक्ति है जिसने षड्यंत्र रचा है भारत में शिक्षा को नष्ट करने के लिए इसने कैसे षड्यंत्र रचा है और क्यों इसने हमारी शिक्षा प्रणाली को सड़ा दिया है उसको समझिए मैकाले अकेले जिम्मेदार नहीं है इसके लिए भारत के सभी राजनेता जानबूझकर हमारी शिक्षा प्रणाली को सड़ा रहे हैं मैं आज ये सिद्ध कर दूंगा मैकाले के पहले सिस्टम को समझिए मैकाले ने क्या किया जब इसने अपनी शिक्षा प्रणाली लाया तो इसने पूरी पढ़ाई को इंग्लिश में कर दिया और इसने दर्शन विषय को हटा दिया दर्शन वो
(02:53) विषय होते हैं जो सोचते हैं दर्शन सोचने का विषय है अब जब आप सोचने के लिए बैठते हो तो आपको कोई स्कूल कोई इंस्टीट्यूशन कोई प्रयोगशाला की जरूरत नहीं होती है आप जहां चाहो वहां पर ध्यान लगा सकते हो चीजों के मंथन कर सकते हो चीजों का अच्छा बुरा सोच सकते हो भगवान बुद्ध ने भी तो यही किया था वो कोई प्रयोगशाला में तो गए नहीं थे ध्यान लगाने से सच और गलत हमें स्पष्ट रूप से दिखता है उसे मालूम है कि भारत की जनता को अगर सच और गलत स्पष्ट रूप से दिखने लगा तो भारत दुनिया का सबसे मजबूत देश बन जाएगा इसीलिए भारत के लोगों को चिंतन करने का मौका ही मत दो इसीलिए हम
(03:25) लोग चिंतन करते ही नहीं है हम रिएक्शन करते हैं कुछ भी देखा पहले से पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं फट पड़ो गाली देना शुरू करो चिंतन किया ही नहीं सही है या गलत है मेरी बात को आप समझ रहे होंगे मेरे हिसाब से उसने क्या किया दर्शन को हटाकर विज्ञान के विषय प्रमुख रूप से रख दिए अच्छा विज्ञान तो अच्छी बात है विज्ञान हमें तर्क करना सिखाता है विज्ञान हमें तार्किक बनाता है बिल्कुल सही बात है पर उसे मालूम था मकाले को कि भारत जब आजाद होगा तो इसके नेता भुक्कड़ होंगे इसके पास संसाधन कम होंगे और विज्ञान ऐसा विषय है जो किताब पर नहीं व्यवहारिक रूप से सीखा
(04:01) जाता है और उसके लिए हमें प्रयोगशालाओं की आवश्यकता होगी और उसे मालूम था कि जिस देश में यह नेता आगे जाएंगे वो निश्चित रूप से करप्ट होंगे वो अपनी शक्ति को छोड़ नहीं सकते वो अपनी सीट को छोड़ नहीं सकते तो वो अपने आप भारत में प्रयोगशाला बनाना बंद कर देंगे और विज्ञान बिना प्रयोगशाला के नहीं हो सकता वही हुआ क्या हुआ मैं मानता हूं कि विज्ञान विषय अच्छी है सोच अच्छा है तर्क करना सीखेंगे अगर आप तर्क करना सीख गए तो निडर हो जाओगे और अगर आप निडर हो गए तो अधिकारों की मांग करने लगोगे अगर आप अधिकारों की मांग करने लगे तो सत्ता में
(04:34) हिस्सेदारी मांगोगे यानी यदि विज्ञान को अच्छे से अप्लाई कर दिया जाए विज्ञान विषयों को वास्तविक व्यवहारिक रूप से कर दिया जाए प्रयोगशाला में उसको उतार कर रख दिया जाए तो निश्चित तौर पर हम तर्क करना सीखेंगे निडर हो जाएंगे अधिकारों की मांग करेंगे और सत्ता में हिस्सेदारी मांगेंगे जब सत्ता में हिस्सेदारी मांगोगे तुम मुझे बताओ किसी नेता को यह बात अच्छी लगेगी क्या जब तुम सत्ता में हिस्सेदारी मांगने के लिए जाओगे तो नेताजी की संतान क्या करेगी सि बेचेगी क्या इस वीडियो को देखिए बीजेपी का एक नेता है भोजपुरी को गायक कलाकार है यह यह अपने बेचे को ट्रेंड कर
(05:07) रहा है पहले वीडियो देखिए फिर आगे बात करता हूं विश् और देश भर में क्या ला साल के कमल ला आपने वीडियो देखा किस प्रकार से अपने ही बेटे की तारीफ कर रहा है किस प्रकार से व अपने बेटे को लच कर रहा है इस देश में हमें सिखाया जाता है बेटा रिस्क लीजिए हमसे कहते हैं बेटा नौकरी मत करो बिजनेस करो रोजगार मत मांगो दूसरों को रोजगार दो तुमने किसी नेता को इस प्रकार का रिस्क उठाते हुए देखा है कि बेटा एक काम करो राजनीति छोड़ दो तुम जाके बैंक की तैयारी करो एमपीपीएससी की तैयारी करो यूपीएससी की तैयारी करो जीवन में रिस्क लो तुम यहां पर
(05:50) आ गए हो तुम इस दिशा में जाओ और नीचे वाले लोगों को ऊपर आने दो नेता के लड़के कभी रिस्क नहीं लेंगे उनकी रोटी पकी पकाई है क्योंकि उनके पिताजी ने इंतजाम कर दिया है अब जो वीडियो अभी आपने देखा है कैसे तारीफ कर रहा था वो अपने लड़के की लड़का विदेश जाएगा नाम मात्र के लिए पढ़ के आएगा और उसे मालूम है कि भारत की राजनीति में क्या बोलना है वो वही जाति और धर्म की राजनीति करेगा फिर इसके लड़के बड़े होंगे फिर वो हमारे लड़कों के ऊपर इसी प्रकार से गुलामी करते चले जाएंगे क्योंकि हमको लगता है कि ये नेता हमारा भला कर रहे हैं हमारी जाति
(06:18) का भला कर रहे हैं हमारे धर्म का भला कर रहे हैं अरे मूर्खों अगर ये धर्म का भला कर रहे होते जाति का भला कर रहे होते तो अभी तक ये हो चुका होता तुम बेरोजगार नहीं बैठे होते तुम दो दो रुपए में ट्वीट नहीं कर रहे होते तुम तो उन्होंने कहा कि विज्ञान जो लाए थे उसमें कई सारी प्रयोगशाला एं थी तो उन प्रयोगशालाओं को अगर हटा दिया जाए तो विज्ञान विषय नाम का रह जाएगा मतलब भारत में लोग विज्ञान पढ़ते हैं इंजीनियरिंग करते हैं नाम मात्र का विषय है भारत में विज्ञान प्रयोग नहीं करवाए जाते हैं अगर भारत में सच में इंजीनियर अच्छे होते तो
(07:19) जो सुरंग अभी गिरी थी उसमें विदेश से इंजीनियर ना मिलाना पड़ता भारत में यह स्थिति है कि यदि छत पर खड़े होकर बेरोजगार चिल्लाओ तो 100 इंजीनियर पलट कर देख लेंगे भारत में इंजीनियरिंग की हालत ये कर दी गई क्यों जितने भी भारत के इंजीनियर हैं छोटे-मोटे वो सब सिवानी एक बुक आती है उसको पढ़-पढ़ के पास हुए हैं प्रैक्टिकल किया ही नहीं रट्टा पद्धति से पास हुए प्रैक्टिकल क्यों नहीं किया क्योंकि उसके लिए प्रयोगशाला नहीं उपस्थित हो पाई प्रयोगशाला एं दी नहीं गई इसीलिए तो तुम लोग इस प्रकार के प्रैक्टिकल करते हो सोच कर देखो यहां पर ये प्रैक्टिकल कर दिया
(07:49) गया यहां आग जल रही है यहां केमिकल है कैसे महसूस कर लेगा लड़का सब कुछ कापी में हो रहा है वास्तविकता में कुछ है ही नहीं क्यों प्रयोगशाला एं नहीं गई क्या बनाने के लिए पैसा नहीं था था पैसा खा गए राजनेताओं ने जानबूझकर नहीं बनाया उन्हें मालूम है कि अगर विज्ञान को इने व्यवहार में उतार लिया तो यह सब जनता तर्क करने लगेगी तो हमारे बच्चों का क्या होगा मेरी बात को समझने का प्रयास करो ये एजुकेशन सिस्टम को हमारे राजनेताओं के द्वारा जानबूझकर चढ़ाया जा रहा है अगर राजनेता ऐसा नहीं करते तो उनके लड़के बच्चे भी इंडिया में पढ़ रहे होते भारत का कोई भी
(08:21) राजनेता का बच्चा चाहे कांग्रेस बीजेपी सपा बसपा सब जाके विदेश से पढ़कर आते हैं और हमारे ऊपर ही राजनीति करते हैं और हम मूरख इतने हैं कि के झंडे लेकर रेलियो में जा रहे होते हैं शिक्षा का महत्व अगर नहीं समझोगे तो आने आली पीढ़ी जैसे तुम गुलामी कर रहे हो पार्टियों की वैसे ही दूसरे लोग गुलामी करेंगे उनके लड़के तो विदेश से पढ़कर आ गए और बड़े-बड़े स्कूलों में पढ़ रहे हैं तुमको तो इस प्रकार के इंतजाम प्रयोगशाला भी नहीं दे पाए प्रयोगशाला तो बहुत बड़ी बात है तुम्हारे बच्चे इस प्रकार के खटारा स्कूलों में पढ़ रहे हैं स्कूल भी नहीं है कहीं तो बाहर बैठकर पढ़
(08:52) रहे हैं रोटी खाने के लिए बोला जाए तो नमक रोटी खिलाई जा रही है और उनके बच्चे अच्छे से खा रहे हैं फिर भी हम उन्हीं का पार्टी का झंडा लेकर जा रहे हैं तो ये सो सोचने वाली बात है हमारे लिए उनका लड़का आएगा विदेश से पढ़कर रेलियो में खड़ा होकर अनन सन्न गन्न कुछ भी बोलेगा और हम तालियां बजाएंगे यह कौन है ये आप हो ये भीड़ है तुम कौन हो तुम भीड़ हो तुम्हारा जन्म क्यों हुआ है जनसंख्या गणना कराने के लिए तुम्हारा जन्म क्यों हुआ है भीड़ में रेली में जाने के लिए तुम्हारा जन्म क्यों हुआ है राजनेता का स्वागत करने के लिए होर्डिंग लगाने के लिए तुम्हारा जन्म
(09:23) क्यों हुआ है राजनेता लड़कों के गेट खोलने के लिए तुम इसीलिए पैदा हुए हो और यही काम करते हुए मर जाओगे तुम्हारी सं ने भी यही काम करेंगी क्योंकि तुम्हें शिक्षा का मतलब ही नहीं मालूम है थोड़े बहुत ग्रेजुएट हो तो तर्क करने की शक्ति नहीं है अगर है तो पूर्वाग्रह से ग्रसित हो ये इस पार्टी का है ये उस पार्टी का है अरे खुद सोचो अगर तुम किसी पार्टी के पक्ष या विपक्ष में हो तुम्हें क्या मिल रहा है तुम तो अपने अधिकारों की मांग करो वो तुम कर नहीं पा रहे हो तो इसी प्रकार से रेलियो में खड़े हुए हो अब चूंकि तुमने तर्क करने की शक्ति नहीं सीखी तुम्हारे
(09:52) पास अधिकारों की मांग करने की हिम्मत नहीं है और अगर तुम्हारे पास हिम्मत आ भी गई दो-चार लोग हो गए तुमको हिम्मत जुटाने के लिए तो तुम तो कायर की भीड़ हो क्योंकि तुम्हारा जन्म ही जनसंख्या गणना के लिए हुआ है गुर्दा शरीर में है नहीं है गुलामी से भरे हुए हो तो जब तुम अपने अधिकारों की मांग करने जाओ गए कि साहब हमें भी तो रोजगार दे दो तुम्हारा लड़का रोजगार में गाड़ी में चल रहा है विदेश से पढ़ के आ रहा है हम तुम्हारे लड़कों की बात कर रहे हैं हमें भी तो घर की रोटी चलानी है घर पे जाते होगे ना तो रोजगार मांगने जाओगे तो इस प्रकार से लाठियों से कूट के भगा दिए
(10:20) जाओगे क्यों क्योंकि तुमने समय रहते शिक्षा की मांग नहीं की तुमने समय रहते अपने अधिकारों की मांग नहीं की राजनेता आकर तुमको वो देता है जिसका कोई महत्व नहीं है और जिसका कोई महत्व नहीं होता है तुमको वो मिलता है तो उसमें भी महत्व समझ में आता है राजनेताओं की सभी की जिंदगी बढ़िया चल रही है इनका काम ही है झूठ बोलना यह किसी भी सिद्धांत पर अमल नहीं कर सकते हैं सरेआम झूठ बोल देंगे और थूक कर चाट लेंगे जैसे ये व्यक्ति देखिए ये पानी पी पी के कोसता था बीजेपी वालों को आज बीजेपी के साथ है ये व्यक्ति देखिए ब्रजभूषण को इसने क्या-क्या नहीं बोला आज
(10:49) ये बीजेपी के साथ है अब जाके ब्रजभूषण के पैर छुए समझ रहे हो जिनका कोई अस्तित्व नहीं है कौन किस पार्टी में जाएगा इसमें किसी का कोई अस्तित्व नहीं है ना ही कोई भरोसा है बस ये लोग इसलिए काम कर रहे हैं कि ये लोग खुश रहे इनकी आने वाली संतानें खुश रहे भारत जाए भाड़ में भारत की जनता जाए भाड़ में इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि तुम लोग शिक्षित नहीं हो अगर कॉलेज स्कूल कर भी रहे हो तो पूर्वाग्रह से ग्रसित हो हमें जो शिक्षा दी गई है वो वास्तव में व्यावहारिक शिक्षा है ही नहीं हमको केवल शिक्षा के नाम पर शिक्षा का नाम
(11:20) दिया गया है संरचना है ही नहीं इस देश में प्राइवेट स्कूल चल रहे हैं वहां पर शिक्षा दी जा रही है तो वो उसी प्रकार की सोच भी हमें डेवलप की जा रही है अगर हमें इस देश को आगे ले जाना है हमें इस देश को आगे बढ़ाना है तो हमें शिक्षा का महत्व समझना होगा लोकसभा चुनाव आ रहे हैं कोई भी प्रत्याशी तुम्हारे यहां भाषण देने आता है अगर वो पहले से ही चुनाव में खड़ा था और 5 साल तुम्हारे यहां काम कर चुका है बस उससे यह पूछो कि तुमने कुल कितनी यूनिवर्सिटी हमारे यहां बनवा दी हैं शिलान्यास नहीं कितनी बन चुकी है लोकार्पण कितना हुआ है
(11:49) कितने हॉस्पिटल तुमने बनवाए रिनोवेशन हुआ कितनी रोड बनवाई हैं कितने सरकारी स्कूलों का तुमने रिनोवेशन किया है यह प्रश्न पूछिए ना कि हम तुमको अनाज फ्री दे देंगे हम तुमको मंदिर मस्जिद बना के दे देंगे हम तुम्हारे लिए ऐसा कर देंगे मत करो क्या किया है वो बताओ हमारे बच्चों के लिए बस शिक्षा फ्री में स्वास्थ अच्छा रोजगार यह दे दो फिर इसके अलावा तुम्हें जो करना है वो करिए अगर जिस दिन तुम यह करना शुरू कर दोगे तो निश्चित तौर पर आने वाली पीढ़ी शायद जी जाए नहीं तो तुम्हारी तरह वोह भी गुलामी में रहेगी मैं भी उसी का हिस्सा हूं बस मेरे अंदर वो वो समझ आ चुकी है कि
(12:25) हम किसी के पक्ष में नहीं खड़े हो सकते यह देश हम सबका है कि किसी एक का नहीं है बस जब देश गलत जाएगा तो बोलना पड़ेगा अगर गलत किसी का है अगर हमारे पिताजी भी गलत कर रहे हैं तो मैं बोलूंगा कि आप गलत हो गलत को गलत बोलने में क्या दिक्कत है अगर मैं किसी को गलत बोल रहा हूं तो इसका मतलब यह नहीं कि मैं उसके विरोध में हो गया हूं मैं ये उनको आईना दिखा रहा हूं कि आप गलत कर रहे हो भाई किसी व्यक्ति के द्वारा किसी पार्टी के द्वारा किसी सरकार के द्वारा अगर गलती की जा रही है तो उसको जनता ही तो बताएगी भाई जनता की सरकार है जनता के द्वारा चुनी गई जनता के लिए चुनी
(12:54) गई है तो हमारे ही सेवा को अब हम मालिक हैं हम सेवक को कुछ कह भी नहीं सकते तो हम लोग अब अपने धुरो में क्यों बटे हुए हैं आप लोग मालिक हो हम सब लोग मालिक हैं हमारे जो सेवक हैं जो हमारे नौकर हैं उन्हें मालिक मत बनने दो अगर सेवक मालिक बनेगा तो वो इसी प्रकार की हरकतें करेगा इसीलिए मालिक हो मालिक बनकर रहो हम सब मालिक हैं बेरोजगार है तो क्या हुआ मालिक तो है जय हिंद जय भारत बताइए अगले किस टॉपिक पर वीडियो बनाना है [संगीत]

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